कौन वफा है किया मेरे संग, कौन मेरा इंसाफ किया,
दिल को तोड़ दिया मेरे तु, जा मैं तुमको माफ किया,
होठों से शिकायत क्या करना,
दिल का दस्तूर भी ले जाना,
कसमे वादे यादें सब,
चेहरे का नूर भी ले जाना,
ना जानोगे ना समझोगे तुम,
मैंने कैसे दिन को रात किया,
कौन वफ़ा है किया मेरे संग...........
दिल को तोड़ दिया मेरे तू.............
कभी चांद सा उग के हम,
खुद पे ही इतराते थे,
तुम को आते देख गली में,
छत पर हम आ जाते थे,
सूख गई सब दिल की कलियां,
अरमां जलकर खाक हुआ,
कौन वफा है क्या मेरे संग.........
दिल को तोड़ दिया मेरे तू..........
छल्ले, टेडी, गुलदस्ते,
ये कान की बाली ले जाना,
कभी सुर्ख अब सूख गए,
अधरों की लाली ले जाना,
तेरे उस खत का का अब क्या होगा,
जिसे सजदे में अरदास किया,
कौन वफ़ा है किया मेरे संग, कौन मेरा इंसाफ किया,
दिल को तोड़ दिया मेरे तू, जा मैं तुमको माफ किया।
Great....
ReplyDeleteThank you very much☺
Delete