Tuesday, September 14, 2021

हिंदी दिवस

     हिंदी एक भाषा मात्र ही नही, अपितु एक सांस्कृतिक चेतना, व हृदय भाव को सहज लहजे में स्पष्ट व सरस ढंग से सम्प्रेषित करने की भाषा है, 

         हिंदी भाषा को भारतीय संविधान के द्वारा 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया। हिंदी भाषा के महत्व को बताने और इसके प्रचार प्रसार के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर 1953 से प्रति वर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
     हिंदी खड़ी बोली के जनक व आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र जी प्रसिद्ध कविता की पंक्ति कुछ इस प्रकार है-
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल,
बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल ।

भावार्थ:
निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।
         मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है। विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान, सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा के द्वारा ही करना चाहिये।
         हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! 



यार बताऊं कैसे मैं

  चाह बहुत है कह जाऊं,  पर यार बताऊं कैसे मैं  सोचता हूं चुप रह जाऊं,  पर यार छुपाऊं कैसे मैं ।  प्रेम पंखुड़ी बाग बन गया,  धरा पर लाऊं कैसे...