चाह बहुत है कह जाऊं, पर यार बताऊं कैसे मैं सोचता हूं चुप रह जाऊं, पर यार छुपाऊं कैसे मैं । प्रेम पंखुड़ी बाग बन गया, धरा पर लाऊं कैसे...
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