Wednesday, May 26, 2021

मोहब्बत












सालों साल ऐसे ही चलती रही मोहब्बत, 

रूह- ए- बिरह मे जलती रही मोहब्बत, 

     कभी तेरी चाह के लिए तो, 

             कभी तेरी पनाह के लिए, 

कभी आह से खलती रही मोहब्बत

सालों साल ऐसे ही चलती रही मोहब्बत, 

रूह- ए- बिरह मे जलती रही मोहब्बत, 

     मोहब्बत थी मोहब्बत है

              ये जाने कबकी उल्फ़त है, 

फिर मेरी भी क्यो नहीं बनती कोई मोहब्बत, 

सालों साल ऐसे ही चलती रही मोहब्बत, 

रूह- ए- बिरह मे जलती रही मोहब्बत।। 


Wednesday, May 5, 2021

कोरोना


 





कोरोना तुमने गज़ब का सीज़न बना दिया,
आदमी को आदमी से अलग करने का रीजन बना दिया,


हाथ धोते रहे लोग नौकरी से लगातार,
पढ़े लिखे लोग होते रहे बेरोजगार,
कौन कहता है साबुन से हाथ धोना है बार-बार
अब तो जान से हाथ धोने का मौसम बना दिया,
कोरोना तुमने गज़ब का सीज़न.........


लोगो मे इंसानियत हुआ करती थी कभी,
दुःख मे लोगो की भीड़ दुआ करती थी कभी,
जहाँ पैसे की हवा हुआ करती थी कभी,
अब तो  हवा का ही तुमने पैसा बना दिया,
कोरोना तुमने गज़ब का सीज़न बना.......

Bewafa || बेवफ़ा


 







ये जो तू अदब से थाम रखा हैं काँधे को,
कभी मेरे हाथों की चाह रखते थे,
हमें यकीं कहा था वो बाहें बेवफा होगी,
जो मेरे गले से मोहब्बत बेपनाह रखते थे,


सुन भाई!
ये है तो बेवफा पर इसका ख्याल रखना,
इसको आदत है हाथ मे हाथ रखने की,
इसके नाजुक हाथों को जरा संभाल रखना।

आँखों में देख के मुस्कराने की,
इसकी अदा ही है दिल लगाने की,
अपने आप को अभी तक सिंगल बताने की,
थोड़ी सी छुवन से लिपट के गले लग जाने की,
ये तुम्हारी बनके रहेगी सदा के लिए,
ये गलत फहमी मन से निकाल रखना,
सुन भाई!
ये है तो बेवफ़ा पर........


बात बात पे इमोशनली रोना आता है इसको,
इसी नरमी से गुमराह किया ना जाने किस किसको,
दिखावे ऐसे है बोलेगी थोड़ा और मेरे करीब खिसको,
मेरे बारे पूछ लेना, बोलेगी
                           हे राम! ऐसा कब और किसको,

खुदा करे!
लोगों के बदलने का सिलसिला इसका थम  ही जाये,
इस दुनिया से ये बला टल ही जाये,
अब तुम ही इसके लिए वफ़ा की मशाल रखना,
सुन भाई!
ये है तो बेवफ़ा पर इसका ख्याल रखना.......

 

यार बताऊं कैसे मैं

  चाह बहुत है कह जाऊं,  पर यार बताऊं कैसे मैं  सोचता हूं चुप रह जाऊं,  पर यार छुपाऊं कैसे मैं ।  प्रेम पंखुड़ी बाग बन गया,  धरा पर लाऊं कैसे...