चाह बहुत है कह जाऊं,
पर यार बताऊं कैसे मैं
सोचता हूं चुप रह जाऊं,
पर यार छुपाऊं कैसे मैं ।
प्रेम पंखुड़ी बाग बन गया,
धरा पर लाऊं कैसे मैं,
दिल में बसने वाले की,
तस्वीर दिखाऊं कैसे मैं ।
कहते हो तुम सब समझोगे,
ये समझाऊं कैसे मैं,
प्यार तुम्ही से करता हूं,
पर यार बताऊं कैसे मैं ।