ये जो तू अदब से थाम रखा हैं काँधे को,
कभी मेरे हाथों की चाह रखते थे,
हमें यकीं कहा था वो बाहें बेवफा होगी,
जो मेरे गले से मोहब्बत बेपनाह रखते थे,
सुन भाई!
ये है तो बेवफा पर इसका ख्याल रखना,
इसको आदत है हाथ मे हाथ रखने की,
इसके नाजुक हाथों को जरा संभाल रखना।
आँखों में देख के मुस्कराने की,
इसकी अदा ही है दिल लगाने की,
अपने आप को अभी तक सिंगल बताने की,
थोड़ी सी छुवन से लिपट के गले लग जाने की,
ये तुम्हारी बनके रहेगी सदा के लिए,
ये गलत फहमी मन से निकाल रखना,
सुन भाई!
ये है तो बेवफ़ा पर........
बात बात पे इमोशनली रोना आता है इसको,
इसी नरमी से गुमराह किया ना जाने किस किसको,
दिखावे ऐसे है बोलेगी थोड़ा और मेरे करीब खिसको,
मेरे बारे पूछ लेना, बोलेगी
हे राम! ऐसा कब और किसको,
खुदा करे!
लोगों के बदलने का सिलसिला इसका थम ही जाये,
इस दुनिया से ये बला टल ही जाये,
अब तुम ही इसके लिए वफ़ा की मशाल रखना,
सुन भाई!
ये है तो बेवफ़ा पर इसका ख्याल रखना.......